किसान अपना हक मांगने के लिए कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन जिस तरह मीडिया ने उनके खिलाफ उन्हें बदनाम करने के लिए रवैया अपनाया और जिस तरीके से पहले उन्हें खालिस्तानी बताया गया और जब बात यहां नहीं रुकी तब यहां एक हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने उन्हें डायरेक्ट यह कह दिया कि जो किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है।
Picture of the day #FarmersProtest pic.twitter.com/5pFoEQM4zP
— Aarif Shah (@aarifshaah) November 30, 2020
लेकिन किसान आंदोलन जो कर रहे हैं इन किसानों को बदनाम करने के लिए मीडिया ने क्या नहीं किया इन्हें खालिस्तानी बताया इन्हें देशद्रोही बताया और जब यहां बात नहीं थमी तो फिर इन्हें शाहीन बाग पार्ट 2 तक बता दिया। लेकिन ये काम वह कर रहा है जिस पर किसानों की आवाज सरकार तक सुनाने की और पूरे देश को सुनाने की जिम्मेदारी है यानी कि हमारा देश का मीडिया इस वक्त सरकार का कुछ पिछलग्गू बना हुआ है।
आखिरकार यह जो मंत्री कह रहे हैं कि किसान आंदोलन के पीछे चीन पाकिस्तान का हाथ है इनके पास क्या ऐसे प्रमाण हैं जिन्होंने यह बयान दे दिया कि इस आंदोलन के पीछे चीन पाकिस्तान का हाथ है। क्यों क्या इस आंदोलन को चीन के शी जिनपिंग हवा दे रहे हैं या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं। आखिरकार इन मंत्री को ऐसा कौन सा प्रमाण मिल गया। जिस पर प्रमाण से उन्होंने यह कह दिया कि इस आंदोलन के पीछे चीन पाकिस्तान का हाथ है।
ये किसान है, और इनके हौसले बहुत मजबूत है।
ये 2-2 रुपए पर रीट्वीट करने वाले IT सेल वाले नहीं है। pic.twitter.com/wlRRt9KoYz
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) December 2, 2020
यह कोई नया नहीं है शाहीन बाग में आंदोलन हुआ था। तब भी ऐसी बिना प्रमाण के मीडिया पर खबरें चलाई जा रही थी दावा किया जा रहा था। इस आंदोलन में विदेशी का हाथ है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि आंदोलनों को विदेशी चीन पाकिस्तान का हाथ क्यों बताया जाता है क्योंकि जो आंदोलन चल रहा है उसे किसी तरीके से बदनाम किया जा सके और आंदोलन को रोका जा सके और यही काम अब लगातार नेता और मीडिया कर रहे हैं।
जबकि किसानों ने यह साफ कर दिया है कि हमें इस आंदोलन को राजनीतिक आंदोलन नहीं बनाना है हालांकि इससे पहले अन्ना आंदोलन हुआ था और उसने जो आंदोलन में जो शामिल हुए थे वह लोग ना जाने कहां से कहां पहुंच गए कोई बड़ा नेता बन गया और कोई बड़ा व्यापारी अन्ना आंदोलन से देश को मूर्ख बनाया गया था और जिसने अन्ना आंदोलन किया था काश तक कोई पता नहीं है कि वह किस हाल में है। लेकिन किसानों ने यह साफ कर दिया है कि हमें किसी भी हाल में इस आंदोलन को राजनीतिक नहीं बनाना है।
कहा- किसान की आय दुगनी होगी।
किया- ‘मित्रों’ की आय हुई चौगुनी और किसान की होगी आधी।
झूठ की, लूट की, सूट-बूट की सरकार। pic.twitter.com/anSiQ8Zird
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 2, 2020
हालांकि इस आंदोलन में कई नेताओं ने दस्तक देना चाहिए लेकिन किसानों ने इस पर साफ इनकार कर दिया कि हमें इस आंदोलन को राजनीतिक आंदोलन नहीं बनाना है हम सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं सोशल मीडिया पर आपने वह तस्वीर देखी होंगे किसान किस तरीके से इस आंदोलन का हिस्सा बनने आए हैं। सर्दी के मौसम में कड़ाके की सर्दी में ठंडी सड़कों पर किसान अपना हक मांगने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। क्या इन राजनेताओं ने इनके आंदोलन की तस्वीरों को गौर से देखा।
जब किसानों ने यह साफ कर दिया है कि हमें इस आंदोलन को राजनीतिक नहीं बनाना है और इसके बाद शाहीन बाग की दादी भी जब इस आंदोलन में पहुंची तो उन्हें भी वापस करा दिया गया क्योंकि अगर शाहीन बाग की दादी वहां उस आंदोलन में अगर शामिल हो जाती तो मीडिया और नेताओं को इस आंदोलन को बदनाम करने के लिए 1 मिनट भी नहीं लगता ना जाने मीडिया पर कौन-कौन सी खबरें प्रसारित हो जाती इसीलिए शाहीन बाग की दादी को वहां से वापस कर दिया गया।
किसान आंदोलन के दौरान अब तक तक़रीबन 3-4 मृत्यु का समाचार आ चुका है। इन मौतों का कौन ज़िम्मेदार है ? #FarmersProtestDelhi2020 https://t.co/XBq2RdZ3ow
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 2, 2020
कई हरियाणवी गायक किसानों के आंदोलन का समर्थन करते दिखाई दिए आज देश का हर नागरिक किसानों के समर्थन में है लेकिन मीडिया इन सब बातों पर एक पर्दा डाले हुए हैं हकीकत तो यह है कि सरकार की सबसे बड़ी मजबूती है वह मीडिया है और इसी मीडिया से देश की जनता को मूर्ख बनाया जा सकता है इस मीडिया से देश की जनता को झूठ फैलाया जाता जा सकता है। और यही मीडिया प्रचार के काम भी आती है। आज का मीडिया अब प्रचारक मीडिया बन गया है।
लेकिन जिस तरीके से इस किसान आंदोलन में कई बड़े लोग शामिल होते जा रहे हैं। पहले तो मीडिया ने कवरेज करना ही छोड़ दिया और जब कवरेज किया तो उनके खिलाफ अनाप-शनाप खबरें चलाना शुरु कर दिया फिर क्या हुआ जो किसान महा आंदोलन कर रहे थे उन्होंने इन गोदी मीडिया के रिपोर्टरों को घेरना शुरू कर दिया और इनसे सवाल करना शुरू कर दिया या फिर जो आपने खबर चलाई थी क्या हम वह वैसा कर रहे थे। और जो मीडिया के रिपोर्टर थे उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था।
Thousands of protesting farmers observe a sombre Gurupurab, a Sikh festival, away from home on Delhi border. #Farmersprotest #GuruNanakJayanti2020 pic.twitter.com/6mANquQBD5
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) November 30, 2020
लेकिन जिस तरीके से किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए मीडिया ने पूरी ताकत लगा ली लेकिन अब जब पूरी तरीके से बात नहीं बनी तो हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल अब यह कहने लगे कीजिए यह जो किसानों का आंदोलन चल रहा है इसके पीछे चीन पाकिस्तान का हाथ है। जबकि हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि इस आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है।
किसान आंदोलन के पीछे चीन-पाकिस्तान का हाथ :
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल#किसान_आंदोलन #China #Pakistan pic.twitter.com/BQo0T8yJgy
— News24 (@news24tvchannel) December 2, 2020