यह बात तो पहले ही स्पष्ट हो गई थी कि डॉक्टर कफील खान की मुसीबतें अभी कम नहीं हुई है। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को एक तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक दायर याचिका को खारिज कर दिया है। उसे आज का में क्या था यह भी सुन लीजिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉ कफील खान से एनएसए हटाने और रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए योगी सरकार को तगड़ा झटका दिया है।
Supreme Court has dismissed Uttar Pradesh government SLP to quash my Allahabad court order.Allah sukra
Jai Hind Jai BharartBench was of the view that it is a good order and there is no reason to interfere with it 🙏
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) December 17, 2020
डॉ कफील खान को तो आप जानते ही होंगे जब से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई है डॉक्टर कफील खान निशाने पर हैं । पहले भी उन्होंने अपनी जान को मुसीबत में डाल कर बच्चों की जान बचाई। और डॉक्टर कफील खान बच्चों की मदद करने में सबसे आगे रहते थे लेकिन जब बच्चों की जानें बचाई उसमें भी डॉक्टर कफील खान मुसीबत में फंस गए। किसी तरह उस मुसीबत से बचें तो फिर डॉक्टर कफील खान पर एक दूसरा आरोप मढ़ दिया गया। लेकिन डॉक्टर कफील खान जब रिहा हुए थे
उस वक्त वह तस्वीरें भी सभी लोगों ने देखी होंगी वह अपने घर वालों से मिलते हुए रो रहे थे क्योंकि वह योगी सरकार के निशाने पर थे। और उनका गुनाह बस यही था क्योंकि उन्होंने योगी सरकार से सवाल करना शुरू कर दिया था। अगर डॉक्टर कफील खान का इतिहास देखा जाए तो डॉक्टर कफील खान सात महीनों तक जेल में बंद रहे उन पर एनएसए की अवधि को भी बढ़ाया गया। आपको यह भी बता दें जब साल 2019 में देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध प्रदर्शन चल रहा था
उसी दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में डॉक्टर कफील खान भाषण देते हैं और उन पर यह आरोप लगता है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था लेकिन बाद में उस भाषण में जब देखा गया तो उसमें ऐसा कोई भी वाक्य नहीं था जिसमें कोई भड़काऊ बात डॉक्टर कफील खान ने कही हो। वह भाषण का हिस्सा आज भी सोशल मीडिया पर मौजूद है डॉ कफील खान ने खुद कहा था कि इस भाषण को चेक किया जाए और उसमें बताया जाए कि आखिरकार इस भाषण में कौन सा कथन भड़काऊ है।
हालांकि डॉ कफील खान पर जो एनएसए लगाया गया था और उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दे दिया गया था और यही नहीं उस वक्त उनकी रिहाई का तुरंत आदेश दे दिया था। अदालत ने फैसले में यह भी कहा था कि डॉ कफील खान ने जो भाषण दिया था वह नफरत बढ़ाने वाला भाषण नहीं था बल्कि देश की अखंडता और देश में एकता का प्रतीक था। लेकिन बात यह भी है की योगी सरकार के निशाने पर डॉ कफील खान पहले से ही रहे हैं जब गोरखपुर में घटना हुई थी तभी से डॉक्टर कफील खान सुर्खियों में आ गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका जो मेरे रासुका के तहत मेरे हिरासत को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी उसको ख़ारिज कर दिया
मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था मुझे न्याय मिला. आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया / धन्यवाद / Thank you .
अल्हमदुलिल्लाह
जय हिंद जय भारत pic.twitter.com/57rDwcccck— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) December 17, 2020