देशभर के किसान इस वक्त सड़कों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। और इस आंदोलन की खबर देश विदेशों में पहुंच गई। और विदेशों के लोगों को भी चिंता होने लगी लेकिन भारतीय पिछलग्गू मीडिया को तो कुछ और ही दिखाई देने लगे थे यह भारतीय किसान। जो बिल लाया है मीडिया उसे समझाने में लगा हुआ है। ठीक उसी तरह जिस तरह देश में नागरिकता संशोधन कानून को समझाया जा रहा था। लेकिन हकीकत क्या है इस पर न सरकार बात करने को तैयार है ना मीडिया।
कनाडा के प्रधानमंत्री, हिंदुस्तान के
किसानों के लिए चिंतित है,लेकिन हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री, देश
के किसानों की चिंता करने की जगह
इवेंट्स का आनंद ले रहे है । https://t.co/PB908bhKBO— Srinivas B V (@srinivasiyc) December 1, 2020
लेकिन भारत में जो किसान आंदोलन कर रहे हैं और वह किस हालत में इस आंदोलन में हिस्सा बनने आए हैं उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर भी कर रहे हैं। लेकिन अपना हक मांगने के लिए किसान सड़कों पर उतर आए हैं। लेकिन मीडिया को इन किसानों की बात सुननी चाहिए थी और सरकार तक इनकी बात पहुंचानी चाहिए थी । लेकिन गोदी मीडिया इन किसानों को कुछ अलग ही एंगल से देख रहा है पहले इन्हें पंजाबी किसान बताया और फिर इन्हें खालिस्तानी बताया गया।
लेकिन सोचने वाली बात यह है कि कनाडा के प्रधानमंत्री भारत में जो किसान आंदोलन कर रहे हैं उनके लिए चिंतित हो गए और उन्होंने इन किसानों के साथ समर्थन भी जताया। और देश के कोने कोने से किसान इस आंदोलन में शामिल हो रहा है और सबसे बड़ी बात यह है कि जो गोदी मीडिया है । उस गोदी मीडिया से आंदोलन कर रहे किसान कोई भी बात साझा नहीं करेंगे क्योंकि यह मीडिया सरकार का पिछलग्गू मीडिया है।
देश में किसान तो आंदोलन कर रहे हैं किसी न किसी तरकीब से खाना बनाकर पेट भी भर रहे हैं लेकिन इधर सर्द रातों में किसान ठंडी सड़कों पर आंदोलन कर रहा है और इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वीडियो में मस्ती करते हुए नजर आए। वीडियो को लेकर वैसे तो लोगों ने कई प्रतिक्रियाएं दी। आखिरकार देश में सर्द रातों में किसान आंदोलन कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां ये कर रहे हैं।
मित्रों ! जब इतिहास पूछेगा कि सर्द रातों में किसान लड़ रहे थे , मर रहे थे तो मैं कहाँ था ? मेरा ये पता याद रखना। pic.twitter.com/nX6fcO2iT3
— Vinod Kapri (@vinodkapri) November 30, 2020