आजकल के डिजिटल जमाने में भारत के युवा सभी लगभग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते ही हैं। और और देश के किसान के बच्चे भी शिक्षा हासिल कर रहे हैं लेकिन अगर वह शिक्षण करके सवाल खड़े हो जाते हैं कि आखिर भी अंग्रेजी कैसे बोलने लग गया किसान कैसे हो सकता है किसान का बेटा इतना कैसे पढ़ गया। और वह अंग्रेजी में प्रेस रिलीज कैसे कर सकता है । और इसी प्रकार की खबरें झूठ का प्रचार प्रसार करने वाले ज़ी न्यूज़ के कार्यक्रम डीएनए में एक एंकर ने चलाई थी।
How it started… How it’s going…
Their opinions depends on who is in power. pic.twitter.com/eDI5ieaBKz— Mohammed Zubair (@zoo_bear) December 4, 2020
लेकिन आज के जमाने में तो हर कोई पढ़ लिख रहा है चाहे वह आम इंसान से ही है किसान का बेटा सरकारी में भी यही कोशिश में रहती हैं कि भारत का हर नागरिक शिक्षा हासिल करें उसे सही और गलत का अंदाजा लग सके। लेकिन बात यह भी है कि आजकल शिक्षा पर ध्यान कौन देता है। लेकिन शिक्षा पर ध्यान तब दिया जब इस शिक्षा के साथ सरकार से और मीडिया से सवाल करने लगा।
तब इसे यह चिंता होने लगी कि आखिरकार ही अंग्रेजी में कैसे सवाल कर रहे हैं यह प्रेस नोट कैसे रिलीज कर रहे हैं आखिरकार अंग्रेजी कहां से सीख गए। ऐसी कई खबरें आपने देखी होंगी जो अक्सर किसान के बेटे बड़े बड़े पद पर मेहनत से पढ़ाई करके पहुंचे हैं। और हर कोई अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त कराने कराने की कोशिश भी करते है । लेकिन उसी शिक्षा को यह एंकर शक की निगाह से देख रहा है। और किसान के सवालों पर गोदी मीडिया शक कर रहा है।
लेकिन इनको यह सोचना समझना चाहिए कि जमाना बदल रहा है और अधिकतर लोग चाहे गरीब हो चाहे किसान हो हर कोई अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराने की कोशिश करता ही है और आजकल तो डिजिटल जमाना है हर युवा के पास स्मार्टफोन है। और जिनके पास स्मार्टफोन है वह सभी युवा इन सभी खबरों से जुड़े हुए भी रहते हैं। और भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों कोई भी संख्या बहुत है।
ये साहब किसकी ताकत के दम पर वसूली कर रहे थे?
और
किसकी ताकत के दम पर फन्ने खां बने हैं ? https://t.co/Lgvar4ktQ7— Ajit Anjum (@ajitanjum) December 5, 2020