गुजरात के सूरत में यह कोई पहली बार नहीं है जब मजदूर सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन दे रहे हैं पहले भी कई बार मजदूर सड़क पर उतर कर घर जाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने लाठियां दिखाकर घर भगा दिया अभी कुछ दिन पहले की ही बात है जब मजदूर वर्ग के लोगों ने अपने घर जाने के लिए सड़कों पर निकल आए और जब उनकी आवाज को नहीं सुना गया फिर उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी थी
#Surat : Migrant workers pelt stone at cops in Mora village of Hazira industrial hub.#lockdown #lockdown3 #MigrantLabourers pic.twitter.com/mswcsbJm49
— TOI Surat (@TOISurat) May 9, 2020
लेकिन मुख्यधारा के मीडिया में इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई इसके बाद एक बार फिर गुजरात के सूरत में उड़ीसा के मजदूरों ने सड़कों पर उतरकर हंगामा काटा था उन्होंने आगजनी भी की थी इस मामले की चंद खबरें मुख्यधारा की मीडिया में दिखाई गई थी आज उन पर गौर की जाती तो आज यह मजदूर फिर सड़कों पर हजारों की भीड़ में इकट्ठा होकर ना उतरते
#ALERT | At least 1,200 migrants from UP and Bihar are in the roads in Mora village at the Hazira plant in Surat district demanding that they be sent home#Ahmedabad #StayAtHome #CautionYesPanicNo #CoronaInGujarat #GujaratFightsCovid19
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आज भी गुजरात के सूरत में मोरा गांव में हजारों की संख्या में भीड़ अचानक निकल आई गुजरात के अहमदाबाद में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं इसके बाद भी इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बरती जा रही है लेकिन एक सवाल है कि सोशल डिस्टेंसिंग भी क्या करेगी जब पेट में खाने को कुछ नहीं है। यह मजदूर अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं और लॉक डाउन खत्म होने की वजह से यह लोग अपने घर जाना चाहते हैं ।
Another incident of police-migrants clash when hundreds of migrants in Mora village near Surat’s main industrial zone Hazira gathered demanding that they be allowed to go back immediately. The police had to use tear gas to disperse the mob. @the_hindu. pic.twitter.com/Ib18IB3L63
— Mahesh Langa (@LangaMahesh) May 9, 2020
जब यह मजदूर वर्ग के लोग सड़कों पर गुजरात में सूरत के मोरा गांव में हजारों की संख्या में उतर आए और जब इनकी कहीं नहीं सुनी गई फिर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया मौके पर पुलिस पहुंची पुलिस ने इनको समझ आया। लेकिन भूख प्यास से परेशान अपने घर से दूर उन्हें यह आश्वासन मजदूरों को कब तक समझ में आएगा। इसके बाद पुलिस में और वहां के प्रदर्शन कर रहे लोगों में नोकझोंक शुरू हो गई। के बाद प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी।
સુરતના હજીરામાં મોરા ખાતે વતન જવાની માંગણી સાથે શ્રમજીવીઓ રસ્તા ઉપર ઉતર્યા : સમજાવટ બાદ પણ નહીં માનતા પોલીસનો બળપ્રયોગ#Surat #Hazira #Mora #Labour #Hometown #Police pic.twitter.com/UIyXsaSjAz
— Gujarat Samachar (@gujratsamachar) May 9, 2020
हालात को काबू में पाने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े किसी तरीके से मामले को काबू में किया गया लेकिन मजदूर वर्ग के लोग अब भी सड़क पर तितर-बितर फिर रहे हैं। फिर इन मजदूरों की आवाज को क्यों नहीं सुना जा रहा है यह मजदूर कई बार सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर चुके हैं आखिर गुजरात सरकार इनकी बातों को सुनने को तैयार क्यों नहीं है। खैर मीडिया में ऐसी खबरों का पहुंचना तो बहुत मुश्किल है। क्योंकि यह मोदी जी के गुजरात मॉडल की घटना है। और गुजरात मॉडल सिर्फ मोदी जी की जय जयकार के काम आता है।